चांद सा हसीन कोई देखा ना था, पर उस रोज़ चांद सा हसीन कोई मिला था,।। चांद सा हसीन कोई देखा ना था, पर उस रोज़ चांद सा हसीन कोई मिला था,।।
शायरों को अक्सर रात भर जागते देखा है मैंने। शायरों को अक्सर रात भर जागते देखा है मैंने।
आओ धरा संवारे, एक पेड़ लगाएं। सांसें कम हो रही अब, सभी सांस बचाएं। आओ धरा संवारे, एक पेड़ लगाएं। सांसें कम हो रही अब, सभी सांस बचाएं।
आप बोलो और हम सुनते रहें, कुछ ऐसा हो आलम। आप बोलो और हम सुनते रहें, कुछ ऐसा हो आलम।
एक गहन चिंतन के बाद मैंने पिताजी से पूछा- 'ये विविधता में एकता क्या है?' एक गहन चिंतन के बाद मैंने पिताजी से पूछा- 'ये विविधता में एकता क्या है?'
एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझाने की कोशिश करता है... एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझ...